3. किन्नू, माल्टा, मौसमी का उत्पादन गंगानगर जिले में होता है।
4. गंग नहर से सर्वाधिक लाभान्वित जिला गंगानगर है।
5. देश में जौ के कुल उत्पादन का एक चौथाई भाग राजस्थान में उत्पादित होता है। राजस्थान में अच्छी किस्म के जौ से जौ का पानी और शराब बनाई जाती है। राजस्थान में इसके उत्पादक क्षेत्रों में जयपुर, उदयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, सीकर, पाली, टोंक प्रमुख हैं।
6. राजस्थान में नागौर की मैथी व पोदीना, बूंदी का बासमती चावल विशेष प्रसिद्ध है।
7. राजस्थान के जालोर, सिरोही जिला ईसबगोल, जीरा व टमाटर की खेती के लिए जाने जाते हैं।
11. चावल की खेती पौधरोपण रोपण विधि तथा दाने बिखेरकर दोनों प्रकार से की जाती है। राजस्थान में प्रमुख चावल उत्पादक जिले हनुमानगढ़,बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, कोटा, बूंदी तथा बारां हैं।
12. चावल की प्रमुख किस्में चंबल, रत्ना, परमल, बासमती, माही- सुगंध (कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा चावल की विकसित की गई उन्नत किस्म), जया है।
13. भारत सरकार ने 1952 में मरुस्थल वनीकरण शोध केंद्र, जोधपुर की स्थापना की। जिसे पुनर्गठित कर 1959 में केंद्रीय शुष्क अनुसंधान संस्थान, जोधपुर का नाम दिया गया। 1966 में इस संस्थान का प्रशासनिक और तकनीकी नियंत्रण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को स्थानांतरित कर दिया गया।
14. इसकी स्थापना जोधपुर में 1988 में उपग्रहों के माध्यम से कृषि, वानिकी, शहरी विकास आदि कार्यो से संबंध रखने वाले तत्व, बाढ़, सूखा, अतिवृष्टि, आंधियां, भूकंप, ज्वालामुखी आदि प्राकृतिक आपदाओं के आकलन एवं निराकरण के संबंध में सूचनाएं एकत्रित करने के उद्देश्य से की गई। ज्ञातव्य है कि भारत में ऐसे 5 केंद्र हैं।
15. केंद्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र सेवर, भरतपुर जिले में 20 अक्टूबर, 1993 में स्थापित की गई।