Chemistry Notes (Part-2)

रासायनिक बन्ध के प्रकार (Types of Chemical Bonds)

परमाणु स्थायी संरचना प्राप्त करने के लिये रासायनिक बन्ध बनाते हैं जो इस प्रकार के होते हैं—वैद्युत संयोजी बन्ध, सहसंयोजी बन्ध तथा उपसहसंयोजी बन्ध। इनके अतिरिक्त ये हाइड्रोजन बन्ध भी बनाते हैं।

 

वैद्युत संयोजी बन्ध (Electrovalent Bond)

  • परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण से जो बन्ध बनते हैं, उन्हें वैद्युत संयोजी बन्ध या आयनिक बन्ध कहते हैं।
  • जब कोई धातु, किसी अधातु के साथ संयोग करती है तो उनके मध्य साधारणतः वैद्युत संयोजी बन्ध बनता है।

 

सहसंयोजी बन्ध (Covalent Bond)

  • परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉन युग्मों की साझेदारी से जो बन्ध बनते हैं, उन्हें सहसंयोजी बन्ध कहते हैं। जब दो ऋणविद्युती तत्वों (अधातुओं) के परमाणु परस्पर संयोग करते हैं तो उनके मध्य सहसंयोजी बन्ध बनते हैं। जैसे: HCI, H2O, NH3 आदि।
  • जब दो ऋणविद्युती तत्व (अधातु) के दो या अधिक परमाणु परस्पर संयोग करते हैं तो उनके मध्य सहसंयोजी बन्ध बनते हैं। जैसे: H2, N2, O2, CI2, आदि।
  • सहसंयोजी बन्ध तीन प्रकार के होते हैं :

(i) एकल बन्ध (एक इलेक्ट्रॉन युग्म के साझे द्वारा)

(ii) युग्म बन्ध (दो इलेक्ट्रॉन युग्म के साझे द्वारा)

(iii) त्रिक बन्ध (तीन इलेक्ट्रॉन युग्म के साझे द्वारा)

उप-सहसंयोजक बन्ध (Co-ordinate Bond)

  • उप-सहसंयोजी बन्ध, एक विशेष प्रकार का सहसंयोजी बन्ध है, जिसमें दो परमाणु परस्पर साझे के एक इलेक्ट्रॉन युग्म द्वारा बंधे रहते हैं, परन्तु साझे का इलेक्ट्रॉन युग्म केवल एक परमाणु द्वारा दिया जाता है। जो परमाणु साझे के लिये इलेक्ट्रॉन युग्म देता है उसे दाता परमाणु कहते हैं तथा जो परमाणु इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करता है, उसे ग्राही परमाणु कहते हैं।
  • इलेक्ट्रॉन युग्म दाता: वह परमाणु, आयन या अणु जिसके पास एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म होता है, इलेक्ट्रॉन युग्म दाता का कार्य करता है।
  • इलेक्ट्रॉन युग्म ग्राही: वह अणु, जिसमें केन्द्रीय परमाणु को अपने संयोजी कोश में 8 इलेक्ट्रॉन पूरे करने के लिये एक या अधिक इलेक्ट्रॉन युग्मों की आवश्यकता होती है, इलेक्ट्रॉन युग्म ग्राही का कार्य करता है।

 

हाइड्रोजन बन्ध (Hydrogen Bond)

  • यह एक प्रबल ऋणविद्युती परमाणु A से सहसंयोजक बन्ध द्वारा जुड़े हाइड्रोजन परमाणु में दूसरे प्रबल ऋण विद्युती परमाणु B के साथ एक अपेक्षाकृत क्षीण बन्ध बनाने की प्रवृत्ति होती है। यह अपेक्षाकृत क्षीण बन्ध होता है, जो एक ऋणविद्युती परमाणु A से जुड़ा हाइड्रोजन परमाणु दूसरे ऋणविद्युती परमाणु B के साथ बनाता है, हाइड्रोजन बन्ध कहलाता है। यह दो प्रकार के होते हैं:
  • अन्तराअणुक हाइड्रोजन बन्ध (उदाहरण: H2O अणु आदि)
  • अन्तःअणुक हाइड्रोजन बन्ध (उदाहरण: o – नाइट्रो फिनोल आदि)

 

विद्युत संयोजी यौगिक (Electrovalent Compounds)

  • विद्युत संयोजी यौगिक सामान्यतः क्रिस्टलीय होते हैं। यह कठोर तथा भंगुर होते हैं।
  • विद्युत संयोजी यौगिक, विद्युत आवेशित परमाणु या परमाणुओं के समूह से बनते हैं।
  • इनके गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होते हैं।
  • जल में घोलने पर विद्युत चालक होते हैं तथा जल में घुलनशील होते हैं।
  • ये कार्बनिक विलायकों में अघुलनशील होते हैं। जैसे: एल्कोहॉल आदि।
  • यदि दो परमाणुओं की वैद्युत ऋणात्मकता का अन्तर 1.7 हो तो बन्ध 50% आयनिक होता है।

 

कुछ महत्त्वपूर्ण विद्युत संयोजी यौगिक

 

नामरासायनिक सूत्रउपस्थित आयन
ऐल्युमीनियम ऑक्साइडAI2O3Al3+,O2
अमोनियम क्लोराइडNH4ClNH4+, Cl
कैल्शियम क्लोराइडCaCl2Ca2+, Cl
कैल्शियम नाइट्रेटCa(NO3)2Ca2+, NO3
कॉपर सल्फेटCuSO4Cu2+, SO42-
मैग्नीशियम क्लोराइडMgCI2Mg2+, Cl
मैग्नीशियम ऑक्साइडMgOMg2+, O2-
पोटेशियम क्लोराइडKCIK+, Cl
सोडियम क्लोराइडNaCINa+, CI
सोडियम हाइड्रॉक्साइडNaOHNa+, OH

 

सहसंयोजी यौगिक (Covalent Compounds)

  • ये अधिकतर द्रव और गैस होते हैं।
  • सहसंयोजक यौगिकों के गलनांक व क्वथनांक साधारणत: निम्न होते हैं।
  • ये वैद्युत चालक नही होते हैं तथा जल में अघुलनशील लेकिन कार्बनिक विलायकों में घुलनशील होते हैं।
  • ये समावयवता प्रदर्शित करते हैं क्योंकि सहसंयोजी बन्ध प्रकृति में दिशात्मक होते हैं।

 

कुछ महत्त्वपूर्ण सहसंयोजी यौगिक

 

नामरासायनिक सूत्रउपस्थित तत्व
एल्कोहॉल (एथेनॉल)C2H5OHC, H, O
अमोनियाNH3N और H
एसीटिलीन (ऐथाइन)C2H2C और H
कार्बन डाईऑक्साइडCO2C और O
कार्बन डाईसल्फाइडCS2C और S
कार्बन टेट्राक्लोराइडCCI4C और Cl
शर्कराC12H22O11C, H और O
ऐथिलीनC2H4C और H
ग्लूकोजC6H12O6C, H और O
मिथेनCH4C और H
ऐथेनC2H6C और H

 

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