ऑक्सीकरण और अपचयन (Oxidation & Reduction)
ऑक्सीकरण (Oxidation)
- परमाणुओं, आयनों या अणुओं द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रक्रिया ऑक्सीकरण कहलाती हैं। जैसे: Mg → Mg2+ + 2e–
- ऑक्सीकरण के द्वारा किसी तत्व की धनात्मक संयोजकता बढ़ जाती हैं।
- इलेक्ट्रॉन त्यागना ऑक्सीकरण है।
- किसी तत्व की ऑक्सीकरण अवस्था धनात्मक, ऋणात्मक, शून्य या भिन्न में हो सकती है।
अपचयन (Reduction)
- परमाणुओं, आयनों तथा अणुओं द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रक्रिया अपचयन कहलाती है। जैसे: S + 2e– → S2-
- अपचयन में तत्व की धनात्मक संयोजकता घटती है। ऑक्सीकरण और अपचयन साथ-साथ समान मात्रा में हो सकते हैं।
ऑक्सीकारक (Oxidising Agent)
- वह पदार्थ जो रासायनिक प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है, ऑक्सीकारक कहलाता है। सभी धनावेशित तत्व, ऑक्सीकारक की तरह व्यवहार करते हैं।
- ऑक्सीकारक पदार्थ, लुईस क्षार होते हैं।
अपचायक (Reducing Agent)
- पदार्थ जो रासयनिक प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉन देते हैं अपचायक कहलाते हैं।
- सभी ऋणावेशित पदार्थ, अपचायक की तरह व्यवहार करते हैं।
- अपचायक पदार्थ, लुईस अम्ल होते हैं।
ऑक्सीकरण अवस्था ज्ञात करने के नियम (Rules of Determining Oxidation State)
- मुक्त अवस्था में किसी तत्व की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है।
- अधिकतर यौगिकों में हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या +1 होती है।
- अधिकतर यौगिकों में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या -2 होती है।
- IA, IIA और IIIA समूह के तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या उनके यौगिकों में +1,+2 और +3 होती है।
- किसी आयन की ऑक्सीकरण संख्या, उसके आवेश के बराबर होती है।
- एक उदासीन अणु के सभी तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या का योग शून्य होता है।
- एक बहुपरमाणुक आयन में उपस्थित तत्वों की कुल ऑक्सीकरण संख्याओं का योग, उस आयन पर उपस्थित आवेश के बराबर होता है।
- सभी हेलोजन की ऑक्सीकरण संख्या उनके यौगिको में जिन्हें हैलाइड कहते हैं, (-1) होती है। ऑक्सीजन, OF2 में धनात्मक ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करती है।
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